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लक्ष्मी जी न आईं |

Amita's blog
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दिवाली हर साल आती है और चली जाती है |
किन्तु लक्ष्मी जी,
लक्ष्मी जी एक बार भी न आईं ||
इस दिवाली मैंने भी अपनी अक्ल भिडाई |
की जमकर पूजा पाठ और सफाई,
और चढ़ा दी सवा किलो काजू की मिठाई ||
फिर भी वही ढाक के तीन पात |
लक्ष्मी जी इस बार भी न आई ||
मै हुआ बेहद परेशां ,एक मित्र से माँगा,
इस समस्या का समाधान |
वह मुस्कराया, फिर अपना सिर खुझलाया ||
बोला, तू तो है यार निरा मूर्ख |
नहीं है औरो की तरह धूर्त ||
अगर तेरी पूजा से आ जाती लक्ष्मी |
तो वो बेचारा भीखू भी करता रहता ||
ॐ जय लक्ष्मी मैया …………… ओम जय लक्ष्मी मैया और
हो जाती उसकी लाईफ़ की भी छैंया -छैंया |
किन्तु …………….नहीं मेरे यार |
जमाना बड़ा एडवांस है,
मिस करने का न यहाँ कोई चान्स है ||
जिन्दगी की गाड़ी मे जो धक्का देकर चढ़ गया,
समझो उसका तो सफ़र कट गया |
वरना, तेरी तरह स्टेशन पर ही लटक गया ||
मेरे मित्र ,
आज का जमाना तो फिक्सिंग का है |
तेल घी ,दूध मे मिक्सिंग का है ||
गोटी फिक्स करने वाले अफसर का है |
सांसद फिक्स करने वाले मिनिस्टर का है ||
लूट हत्या ,चोरी और किडनेपिंग का है |
बूथ कैप्च्रर्रिंग और हाईजैकिंग का है ||
घरों मे जलती सीता का है |
चौराहों पे लुटती गीता का है||
जिसकी लाठी उसकी भैंस का है |
घपलो -घोटालो वाले मेरे देश का है||
वर्दी का रौब मारते सिपाही का है |
चापलूसों, घूसखोरो और नौकरशाही का है ||
किन्तु .,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
नहीं मेरे यार,
इस निस्सार संसार मे तेरे जीवन का ही सार है |`
बाकी तो सब बेकार है ||
लक्ष्मी आये या न आये |
किन्तु गाँधी का त्याग व शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा ||
अगर तेरे जैसा मूर्ख भारत के घर-घर में हो जायेगा|
घर-घर में हो जायेगा ||

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